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Sunday, 28 November 2010

" हिम्मत "


कितनी बार कहा है तुमसे
रोना धोना बंद करो
हिम्मत करके तुम आगे बढ़ो
अधिकारों के लिए अब खुद ही लड़ो
कभी हंसकर के जो तुमने
ये कुछ सपने संजोये थे
उन्हें साकार करने के लिए 
तुम डटकर आज आगे बढ़ो
हिम्मत ऐसी हो दिल में
कि हिम्मत खुद ही डर जाए
क्या हिम्मत दूसरों में फिर 
जो तुझको रोकने आयें !
                              -अक्षय ठाकुर "परब्रह्म"

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