ये मेरी ज़िन्दगी |
कभी खुश तो कभी गम है
ये मेरी ज़िन्दगी |
कभी अँधेरी तो कभी रौशनी है
ये मेरी ज़िन्दगी |
कभी धुएं में तो कभी श्वेत वर्णी है
ये मेरी ज़िन्दगी |
कुछ खट्टी पर बहुत मीठी है
ये मेरी ज़िन्दगी |
कहीं तकरार तो कहीं ढेर सारा प्यार है
ये मेरी ज़िन्दगी |
कहीं तो शुरू है पर अंत नहीं है
ये मेरी ज़िन्दगी |
बस चलते जाने की और खुशियाँ लुटाने की खातिर है
ये मेरी ज़िन्दगी |
-अक्षय ठाकुर "परब्रह्म"